पहली नज़र की खामोशी - 16

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एपिसोड 16 – जब पहला खिलौना मुस्कुराया---1. लकड़ी के टुकड़े और एक पिता की कल्पनाआरव सुबह-सुबह उठ गया था।नैना ने आँखें मलते हुए पूछा:"इतनी जल्दी कहाँ?""आज एक नई चीज़ बनानी है…"आरव बाहर गया —बगल वाली स्टोर में पुराने लकड़ी के टुकड़े पड़े थे,जिन्हें उसने बरसों से सहेजकर रखा था।उसे नहीं पता था कि एक दिन यही टुकड़े,उसके बाप बनने की शुरुआत का हिस्सा बनेंगे।---2. आरव की पहली रचना – लकड़ी का भालूआधी दोपहर बीत चुकी थी।कहीं खरोंच, कहीं पसीना, कहीं धूल।और बीच में बैठा आरव —अपनी जीभ दाँतों में दबाए,ध्यान में डूबा।उसने एक छोटा-सा लकड़ी का भालू तराशा था।माथे