एपिसोड 12 – जब तीसरी धड़कन बोल उठी---1. वही रात, नया अनुभवआरव और नैना एक-दूसरे के बहुत पास बैठे थे।आरव की हथेली अभी भी नैना के पेट पर थी।"वो..." नैना की आवाज़ काँप रही थी।"हाँ..."आरव भी काँप गया था —वो आरव था, जिसे किसी भी इमारत का नक्शा बनाने में वक्त नहीं लगता था,लेकिन आज एक अनदेखी रेखा ने उसकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया था।---2. अगली सुबह – चुप्पी में सन्नाटा नहीं, उम्मीद थीनैना जल्दी उठी।आरव उसके पास आया और धीरे से बोला:"तुम्हारी चाय तैयार है... लेकिन अब से उसमें और भी बहुत कुछ डालना होगा