पहली नज़र की खामोशी - 11

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️ एपिसोड 11 – जब धड़कनों ने नाम माँगा---1. एक शांत सुबह – लेकिन भीतर सवालों का शोरनैना आज खिड़की के पास बैठी थी।उसकी डायरी खुली थी…लेकिन आज कोई कविता नहीं निकल रही थी।उसकी आँखें दूर आसमान में कुछ ढूँढ रही थीं।शब्द नहीं… शायद एक नाम।आरव उसके पीछे आया —चुपचाप — जैसे वो उसकी हर चुप्पी को पढ़ सकता था।“क्या लिख रही हो?” उसने पूछा।“कुछ नहीं…”नैना ने धीमे से जवाब दिया।“आज शब्द भी मुझसे सवाल पूछ रहे हैं।”---2. आरव की बाँहें – लेकिन जवाब अभी अधूरेआरव ने उसकी पीठ पर हाथ रखा।“क्या सवाल?”नैना ने कहा:“हम क्या हैं, आरव?क्या हम दो