पहली नज़र की खामोशी - 5

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️ एपिसोड 5 – जब स्पर्श डराने लगे---1. नैना की सुबह – एक टूटी हुई साँससुबह की हल्की धूप नैना के कमरे की खिड़की से भीतर आई,पर उस पर कोई असर नहीं पड़ा।वो बिस्तर से उठकर आईने के सामने खड़ी थी —चेहरा फीका, आँखें रात की नमी से भरी।पिछली रात आरव के कंधे पर सिर रखकर उसे जो सुकून मिला था,आज वही सुकून एक अनजानी बेचैनी में बदल चुका था।उसके ज़हन में बार-बार एक पुरानी परछाई लौट रही थी —एक ऐसा अनुभव, जिसने उसके भीतर स्पर्श के खिलाफ एक दीवार खड़ी कर दी थी।---2. फ्लैशबैक – वो रात, जब भरोसा