(नित्या की टूटी शादी से पूरा परिवार भावनात्मक रूप से आहत था, लेकिन उसका सहारा बनकर सबने उसे फिर से आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। छाया, जो अब तक लापरवाह मानी जाती थी, पढ़ाई और जिम्मेदारी की ओर बढ़ने लगी। उसके व्यवहार में आए बदलाव ने सबको चौंका दिया। नित्या का प्रगति कॉलेज में दाखिला और केशव द्वारा बताई गई स्कॉलरशिप स्कीम ने परिवार में नई उम्मीद जगा दी। छाया ने भी अच्छे अंकों का संकल्प लिया। यह बदलाव केवल एक बेटी या बहन का नहीं, बल्कि पूरे परिवार के सोच, समर्थन और विकास की ओर उठाया गया ठोस कदम