मंजिले - भाग 32

आसमान मेरी मुठी मे ---------(32 ) मंजिले कहानियो मे -------- मेरी सब से लिखी सुंदर कहानी। जीवन की कड़िया कभी एक एक कर खोलना, तब ज़ब तुम अकेले हो। सोचना विचारना अब से तब तक तुमने कया ऐसा किया, जो तुम्हे कभी कभी बहुत ही तंग करता है वो पल, जज्बाती मत होना, किसी को बताना नहीं, भेद कोई जाने न, तुम हो उस कमरे मे एक बस क्लॉक की टिक टिक करती समय की गती बस। फिर सोचना कुछ ऐसे, कि किसी को कुचल कर आगे तो नहीं निकल रहे, कानो की सरसराहट तभी होंगी... हाँ मन तभी मान