समान लंबाई- चौड़ाई रखने के बावजूद भी वे दो परिसर आज भिन्न आभास देते हैं। मगर आज से सत्ताईस वर्ष पूर्व वे एक अभिन्न पहचान रखते थे : जुड़वां कोठियों के नाम से चिह्मित थे। प्रत्येक सदृश छोर पर समरूप एक- एक चौड़ा गेट था, एक-एक लंबा गलियारा था और एक-एक भव्य पोर्टिको । दोनों पोर्टिको से संलग्न रहे थे दो बराबर खंड। एक ही शरीर के दांए और बांए भागों की तरह : आकार में हू- ब- हू एक समान मगर दिशा में विमुख। पुत्र- विहीन मेरे धनाढ्य नाना ने हमारे नामकरण के अवसर पर उन का निर्माण प्रारंभ