चरख़ी

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दीपक शर्मा   “एक्सक्यूज़ मी,” क्लास रूम के दरवाज़े पर नीति अपनी सहेली के साथ खड़ी थी, “मुझे आलोक के साथ बहुत ज़रूरी काम है…..” “यह कौन है?” अध्यापक समेत सभी मेरी ओर देखने लगे। “मेरी बहन है,सर,” मैं ज़मीन में गड़ गया। “तुम्हारे परिवार वालों का इस तरह क्लास में आना ठीक नहीं,”अध्यापक ने कहा। “आए एम सारी,सर,” मेरी जगह नीति बोल दी, “आइंदा ऐसा नहीं होगा…..” सभी हंसने लगे। “क्या बात है?” लपक कर मैं नीति को बरामदे की ओट में ले गया, “तुम मेरे स्कूल क्यों आयी?” “अपने स्कूल पहुंचने पर मुझे पता चला आज वहां छुट्टी