भूतिया सफर

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स्थान: बरेली का एक वीरान रेलवे स्टेशनसमय: रात 2:20 बजेघड़ी की टिक-टिक अब जैसे कान में सुराख़ कर रही थी।रात दो बजे के बाद का समय और वो स्टेशन — बरेली जंक्शन का पुराना प्लेटफॉर्म नंबर 13 — जहां अब कोई ट्रेन नहीं रुकती थी।रघुवीर ने सिगरेट का आख़िरी कश लिया, और पैरों से जूते उतारकर बेंच पर चढ़ गया।उसे इस शहर से कोई वास्ता नहीं था।बस किसी से भागना था।और कहीं पहुंचना था।कहां?उसे खुद नहीं पता।उसके हाथ में एक पुराना कटा-फटा टिकट था, जिस पर लिखे थे:"शंकर एक्सप्रेस – प्लेटफॉर्म 13 – कोच D3 – रात 2:45"उसने कई बार