"चौपाल से कैफे तक का फासला" (हरियाणा का लड़का और दिल्ली की लड़की की वो बात जो अधूरी नहीं थी) वीरेंद्र एक साधारण सा लड़का था — हरियाणा के झज्जर जिले से। घुटनों तक पजामा, सफेद कुर्ता, और माथे पर बाल हल्के से बिखरे हुए। बोलने का अंदाज़ सीधा, दिल का साफ़ और सोच — थोड़ी पुरानी, पर इरादे नए। वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री ऑनर्स पढ़ रहा था। गांव से पहली बार इतना दूर आया था। कमरे में पंखा था, मेट्रो में भीड़ थी, पर उसे सबसे अजनबी लगती थी — शहर की चुप्पी। और फिर पहली बार