अध्याय 1: धूल भरी पगडंडी और एक चमकती आँख बिहार के एक छोटे से गाँव "रामपुर" में जन्मा अर्जुन बचपन से ही बाकी बच्चों से अलग था। जब बाकी बच्चे पतंग उड़ाते या खेल-खेल में लड़ते, अर्जुन अपने हाथ में लकड़ी की बनी पुरानी बैट लेकर खुद के बनाए हुए एक कच्चे मैदान में प्रैक्टिस करता। उसके पास न तो ब्रांडेड बैट था, न बॉल, न जूते, न कोच। उसके पास सिर्फ एक चीज़ थी – जुनून। गाँव वालों के लिए ये एक मज़ाक था।"अरे अर्जुन, तेरा बाप तो ईंट भट्ठे पर काम करता है, और तू बनेगा क्रिकेटर?