अब आगे ......, चंद्रा मेंशन...., युग का जोर जोर से खांसने की वजह से रक्तांश मुक्ता से अलग हो कर युग को ही तीखी नजरो से घूरने लगा था | तो वही मुक्ता तो शर्म से पूरी तरह पानी पानी हो गई थी और वह अपने निचले होंठ चबाते हुए नीचे फर्श को घूरने लगी थी | उसे इस वक्त किसी से भी नजरे तक मिलाने शर्म आ रही थी | वही शार्वि और कनक अपने चेहरे पर हल्के मुस्कुराहट लिए बस मुक्ता और रक्तांश को देख रहे थे | उन्हे उनकी शादी में जाने