# **रिक्शेवाले की मुस्कान** ## **लेखक: विजय शर्मा एर्री** ---### **1. एक साधारण जीवन** मोहन दास। नाम सुनकर कोई सोचेगा कि यह कोई बड़ा आदमी होगा, लेकिन वह तो बस एक साधारण रिक्शा चालक था। उसका पुराना सा लाल रंग का रिक्शा शहर की गलियों में दिख जाता था। सुबह पांच बजे से रात के आठ बजे तक वह अपने रिक्शे पर सवार होकर लोगों को यहाँ से वहाँ पहुँचाता रहता। उसकी पत्नी राधा घर का काम संभालती और बेटी पिंकी सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। पिंकी उसकी जान थी। जब भी वह स्कूल से लौटती और "पापा!" कहकर दौड़कर उसके पास आती, मोहन