अदृश्य प्रेम - एक आत्मा की अधूरी दास्तान

  • 249
  • 75

अदृश्य प्रेम – एक आत्मा की अधूरी दास्तान️ लेखक: राजु कुमार चौधरी️ भाग 1: पहली दस्तक> "कुछ दरवाज़े सिर्फ़ चाबी से नहीं, क़िस्मत से खुलते हैं… और कुछ दस्तकें सिर्फ़ आवाज़ नहीं लातीं – वो पूरा अतीत खींच लाती हैं।"---सितम्बर की शुरुआत थी। हल्की-सी ठंड ने काठमांडू की गलियों में दस्तक दे दी थी।आर्यन – एक यंग राइटर, जो अपनी पहली किताब लिखने के लिए एकांत की तलाश में था, उसे एक पुराना बंगला मिल गया — “शांति निवास”।"कोई नहीं रहता अब वहाँ… कहते हैं किसी ज़माने में वहाँ एक लड़की रहती थी, जो…"ब्रोकर की बात अधूरी रह गई।आर्यन