गुनाहों की सजा - भाग 3

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माही के मुँह से "कोशिश करुँगी" यह शब्द सुनकर शोभा ने बौखलाते हुए कहा, "कोशिश करुँगी ... अरे तू ऐसा क्यों कह रही है? क्या तुमने अपने घर में कभी काम नहीं किया?" माही ने शांत स्वर में कहा, "नहीं माँ, ज़्यादा तो नहीं किया। वहाँ तो हमारे घर में काम करने वाली बाई थी। ज़्यादातर काम तो वही कर देती थी। मेरी मम्मी रसोई का काम संभाल लेती थीं और हम लोग पढ़ाई में ही व्यस्त रहते थे।" शोभा ने कहा, "यह तो तुम्हारी माँ ने बहुत ग़लत किया है। यदि उन्होंने नहीं सिखाया है तो अब सीख लो।