15. लगातार काम में लगी रेखा के लिए हॉस्टल मेस से खाना भी रात को आठ बजे उसके चैंबर में ही आ गया। अपने लैपटॉप को बंद करके रेखा खाने की सुध लेने की सोच ही रही थी कि तभी एक फ़ोन आ गया। इस बार फ़ोन विश्वविद्यालय भोजनालय के प्रबंधक का था। रूटीन का समय होता तो यह फ़ोन वाइस चांसलर की पीए को ही उठाना था। परन्तु मानवीय आधार पर यहां यह रेखा की ही एक सहृदयता सिद्ध हुई कि पीए सीट पर नहीं थी। शाम इतनी देर हो चुकी थी कि यूनिवर्सिटी से काफ़ी दूर रहने वाली