13. दीमक और खाद की कहानी तो आपने सुनी ही होगी। दोनों ही पेड़ों में लगते हैं। किंतु दीमक जहां पेड़ से रस चूस कर उसे भीतर से खोखला बना देती है वहीं खाद अपना सत्व पेड़ और मिट्टी को देकर उसे और भी हरा - भरा बनाती है। पल्लवित करती है। रेखा के व्यक्तित्व का यही बोध वाक्य था। खाद बनो, दीमक नहीं। दीमक बनने पर हर कोई तुम्हें हटाना चाहेगा, खाद बनने पर हर कोई समेट कर तुम्हें पेड़ के पास रखेगा। जब तेज़ हवा चलती है तो दीमक पेड़ से और चिपक जाता है कि कहीं दूर