टीस - पहली बार देखा था उसे - 3

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 "ज़िंदगी कभी-कभी वो सवाल पूछती है जिसका जवाब किताबों में नहीं मिलता...मगर आँखें  सब बयां कर देती हैं "कॉलेज का वो दिन किसी और ही तरह शुरू हुआ था। मेरे अंदर कुछ बदल रहा था — शायद धीरे-धीरे....और बिन बताए.... ।लाइब्रेरी का वही कोना, वही खिड़की जहाँ से साहिल नज़र आता था, ये आज भी वही थे और वहीं थे। मगर आज कुछ अलग था... हर दिन से अलग। शायद कुछ इस तरह --  आज कुछ हसरतें थींजो पलने लगी थीं... कुछ ख़्वाब थेजिन्हें मैं संजोने लगी थी...कुछ उम्मीद थी, जो चाहत बनकरमेरी सांसों में उतरने लगी थी... ये एहसास