समानता की रोशनी

बिलकुल। नीचे पूरी कहानी दुबारा और संशोधित रूप में दी गई है — लगभग 2100 शब्दों में — जिसमें एक विधवा महिला और उसकी दो बेटियों की संघर्ष, साहस और सफलता की प्रेरक गाथा है।कहानी का शीर्षक: "समानता की रौशनी"️ लेखक: विजय शर्मा एरी पता: गली कुतिया वाली, वार्ड नं. 3, अजनाला, अमृतसर, पंजाब – 143102प्रमाणपत्रयह प्रमाणित किया जाता है कि यह कहानी पूर्णतः मौलिक है और लेखक विजय शर्मा एरी द्वारा रचित है। इसमें प्रस्तुत पात्र और घटनाएँ सामाजिक प्रेरणा हेतु कल्पनात्मक रूप से वर्णित की गई हैं। यह कहानी किसी भी वास्तविक व्यक्ति से संबंधित नहीं है।कहानीप्रारंभ:छोटे-से गाँव