वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 23

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इशिता बिना कुछ बोले बाहर चली गई उसके जाते हीं ध्रुव ने गुस्से में एक जोरदार मुक्का दिवार में मारते हुए कहता है... " मुझे तुम्हे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए था... तुम अच्छे से जानती हो इशू मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ फिर ये सौचु कैसे नहीं तुम इस तरह खतरे में क्यू आयी.. क्यू.. क्यू..... " ध्रुव चुपचाप वही बैठ गया लेकिन तभी बाहर से चिल्लाने की आवाज आती है जिसे सुनकर वो तुरंत बाहर जाता है....बरखा घबराइ हुई सी जल्दी से उसके पास जाकर कहती है.... " ध्रुव जी.. वीरा जी खतरे में है... " ध्रुव सवालिया