क्या यह सही था?

क्या वह सही था?भीषण गर्मी का दौर चल रहा था। मैं नई-नई कोचिंग जॉइन कर ही रहा था। छुट्टियों के बाद पता चला कि जो पहले पढ़ाते थे, मतलब जिनसे हम छुट्टियों से पहले पढ़ रहे थे, वो कहीं और चले गए — ज़्यादा पैसे के लालच में।स्वाभाविक था, मन में सवाल उठा — अब पढ़ाएगा कौन?इसी सवाल को मन में लिए मैं अंदर गया तो देखा, एक लगभग 5'11" का लंबा और भारी-भरकम व्यक्ति खड़ा था। हम सब जो उस बैच में पढ़ते थे, अंदर आ गए। सर ने अपना परिचय देते हुए बताया कि वो लॉ कर रहे