बीते समय की रेखा - 9

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9.विश्वविद्यालय का दर्ज़ा मिल जाने के बाद बनस्थली में और भी कई नए - नए विभागों के खुलने का रास्ता साफ हो गया था। कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रबंधन, एविएशन आदि की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए पारंपरिक पाठ्यक्रमों, जैसे - कला, गृहविज्ञान, ह्यूमैनिटीज, आदि में छात्राओं का रुझान धीरे- धीरे कम होने लगा। इनमें विद्यार्थियों की संख्या भी घटने लगी। यह एक प्रकार से विश्वव्यापी ट्रेंड ही था क्योंकि महिला शिक्षा के क्षेत्र में अब बुनियादी परिवर्तन हो रहे थे। अब महिलाएं  शिक्षित होने या पढ़लिख कर मात्र घर संभालने की जगह रोज़गार की ओर भी उत्साह से देख