6.इन तीनों अत्यंत प्रतिभाशाली लड़कियों का जीवन मानो बदलते हुए युग के नारी - विमर्श का एक ठोस कार्यकारी स्वरूप था जो महिला शिक्षा के अंतिम निकष की परिणीति था। इनमें एक तमिलनाडु से आई लड़की चित्रा थी, दूसरी मुंबई में ही पली- बढ़ी कन्नड़ लड़की मीरा और तीसरी राजस्थान से आई रेखा।ये तीनों ही अपने- अपने घर की बड़ी बच्चियां थीं जो नारी आत्म निर्भरता की स्वनिर्मित मिसालें थीं। इन्हें अपने छोटे भाई - बहिनों की तमाम ज़िंदगी के छोटे - बड़े मसले घर के मुखिया अभिभावक अथवा माता- पिता की तरह सुलझाते देखा जा सकता था। कब कौन क्या