4.नारी शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विद्यापीठ की प्रसिद्धि दिनोंदिन बढ़ती गई। यहां नए नए पाठ्यक्रम खोले गए और देश भर ही नहीं बल्कि विदेशों तक से छात्राओं का पढ़ने के लिए आना जारी रहा।पांचवें दशक के मध्य में श्रीमती रतन शास्त्री को स्त्री शिक्षा के इस अनूठे केंद्र की मौलिक अवधारणा और कुशल संचालन हेतु सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।इसी विद्यापीठ परिसर की एक प्रेरक कहानी से हम आपको परिचित कराने जा रहे हैं जो यहां की एक छात्रा के कर्मठ जीवन की दास्तान कहती है।पिछली सदी के सातवें दशक का आरंभ था।