2.विधिवत स्कूल आरम्भ हो जाने के बाद इसकी स्थापना करने वाली रतन जी को लगा कि यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला शिक्षा केंद्र है जो केवल लड़कियों की शिक्षा के लिए शुरू किया गया है, अतः इसके लिए पाठ्यक्रम आदि भी अपनी ज़रूरतों के हिसाब से स्वयं ही तैयार किया जाए।सबसे पहले तो जीवन कुटीर के पास ही लड़कियों को रखने के लिए एक घास-फूस की छत वाला मिट्टी का अहाता तैयार किया गया। इसके साथ कुछ शिक्षकों के रहने व कार्यालय आदि के लिए भी सीमित संसाधनों से कच्चे कमरे तैयार किए गए।विद्यालय का दृष्टिकोण यह था