भाग 1: बचपन की खामोशीरेवा एक शांत स्वभाव की लड़की थी। वो बहुत कुछ महसूस करती थी, पर बोलती कम थी। उसे लगता था कि उसके मन की बातें कोई सुनता ही नहीं, या सुनकर भी समझना नहीं चाहता। उसका मन एक समंदर था — गहरा, भावुक, लेकिन बाहर से एकदम शांत। उसका परिवार गरीब था। माँ से उसका रिश्ता वैसा नहीं था जैसा अक्सर बेटियों का होता है — नजदीकी, स्नेहभरा और खुला हुआ। वो अपनी माँ से अपने दिल की बातें नहीं कह पाती थी। घर की स्थिति और जिम्मेदारियाँ उसे समय से पहले बड़ा बना रही थीं।