मेहनत का फल

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नीचे लगभग 2000 शब्दों में विस्तृत संस्करण प्रस्तुत है:मेहनत का फलगाँव के एक छोटे-से कच्चे मकान में एक साधारण सा परिवार रहता था — पिता रामचरण, माँ सीता और उनकी इकलौती बेटी रीना। यह परिवार गरीबी में जकड़ा हुआ था, मगर सपनों में समृद्ध था। रामचरण एक मजदूर थे, जो दिनभर ईंटें ढोते और सीमेंट मिलाकर कुछ रुपये कमाते थे। सीता दूसरों के घरों में खाना पकाने का काम करती थीं, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल से चल पाता था।रीना बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार और जिज्ञासु थी। वह गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ने जाती थी। स्कूल