एक कस्बें में एक ग़रीब परिवार अपने इकलौते बेटे के साथ रहता था, उनकी पंसारी की एक छोटी सी दुकान थी.बेटा उनकी शादी के १५ साल बाद हुआ,बेटा बचपन से ही बड़ा होशियार था,१० वी और १२ वी कक्षा में अच्छे अंकों से पास हुआ, छात्र वृत्ति प्राप्त करने वाला छात्र था.प्रथम श्रेणी का सरकारी कर्मचारी बन गया.कस्बें में नाम हो गया, बेटे ने पिता जी की पंसारी की दुकान बंद करवा दी,जहाँ भी बेटे की नौकरी होती वही अपने माता पिता को अपने साथ रखता.अपनी माता पिता की सेवा के लिए दो सेवक भी रख लिए.माता पिता ने बेटे