पत्थर की श्रापित गुड़िया

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2013की समाप्ति होने को थी गाँव के लोग इस बात में डूबे थे कि हमनें 2013में क्या क्या किया और 2014 में क्या क्या करेंगे। सब 2014के आगमन पर उत्साहित थे लोगों ने 2014के आने की खुशी में रात भर जाग कर खुशियाँ मनाई ।गांव की ही एक बूढ़ी दादी को रात भर नींद नहीं आई शायद रात शोर के कारण ,जब सुबह दादी मुझसे मिली तो उन्होंने कहा बेटा हृदय कचोट रहा है आने वाला समय गंभीर हो सकता है अपना और अपने गाँव के लोगों का ध्यान रखना , मैंने कहा-दादी बी.पी. की दवा खाई? ..मै उनकी बातें