५.सुनीति जी की बातों ने पायल के दिल को छू लिया था।वो चुपचाप उनकी गोदी में सिर रखे उनकी ओर देखने लगती है। उसकी आंखों में एक नई समझ और गहरी संवेदना उभर आई थी।'कैसे मां ने इतने साल... पापा के बिना बिता दिए होंगे?' पायल का मन जैसे खुद से ही सवाल कर रहा था।'क्या मां को भी किसी की जरूरत नहीं होती? कोई ऐसा... जो उनका दर्द बांट सके, जो उन्हें भी बेफिक्र होकर रोने का, हंसने का मौका दे सके?