भाग 1: मैं थक गई हूँमेरा नाम नीला है। उम्र 44 साल।शायद ज़िंदगी में कुछ भी ऐसा नहीं था जो मैंने अपने दम पर न किया हो। पति को अचानक गए अब दस साल होने को आए हैं। उस दिन से हर सुबह, हर रात सिर्फ एक ही सवाल था — "अब क्या?"मैंने रो कर नहीं, बल्कि खुद को संभाल कर जिया। बेटे को पढ़ाया, काम किया, रिश्तेदारों की उम्मीदों पर खरी उतरी — और खुद को हर रोज़ थोड़ा और खोती चली गई।लोग कहते थे — "नीला कितनी मजबूत है!"पर किसी ने नहीं पूछा — "नीला, क्या तुम थक