एक रोटी ऐसी भी

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रोटी के लिए इंसान क्या क्या नहीँ करता है मेहनत मजदूरी शिक्षा दीक्षा यहाँ तक कि चोरी डकैती अपराध भिक्षाटन जिस माध्यम से दो जून कि सुकून कि रोटी मिल जाए!क्योंकि रोटी से पेट भरता है पेट भरा रहे तो जीवन चलता सलामत रहता है लेकिन आज मैं एक ऐसी रोटी कि बात करने जा रहा हूँ जो सबके लिए आश्चर्य का कारण थी आप मेरे द्वारा वर्णित घटना को मेरे द्वारा लिखा गया स्मरण भी कह सकते है कहानी भी कह सकते है!घटना 1973 कि है एक व्यक्ति जिसका नाम धनी राम था साधरण परिवार का साधरण व्यक्ति किसी