वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 22

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... मैं हूँ....सब हैरानी से उसे देखते है लेकिन इशिता उसे देखकर खिल उठती है और जल्दी से उसके पास जाकर उसे गले लगाती है और रुंधे गले से कहती है..... " तुम कहाँ थे ध्रुव...?.... मैंने तुम्हारा कितना इंतज़ार किया...?... " ध्रुव उसके माथे पर किश करते हुए कहता है.... " इशू.. तुम्हे पता था न मैं सीक्रेट मिशन पर था , और तुम इतने रिस्क पर इस गॉव में आगई... इतने खतरे की क्या जरूत थी तुम्हे... वो तो अच्छा हुआ मैं टाइम से पहले वापस आगया... " इशिता कोल्ड वॉइस में कहती है.... " मैं जानती थी