उजाले की ओर –संस्मरण

=========== स्नेहिल नमस्कार मित्रों हमारे देश में ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनके बारे में जानकर हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है । हमारे लिए उनके बारे में जानना भी ज़रूरी है और उनके अनुभवों को समझकर अपने जीवन को बेहतर बनाना भी ज़रूरी है । इस दुनिया में हम बेहतर इंसान बनकर ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं । आज एक छोटी सी कहानी के माध्यम से हम  अपने जीवन में कुछ बेहतर जोड़ने का प्रयास करते हैं । एक बार स्वामी विवेकानंद रेल से कही जा रहे थे। वह जिस डिब्बे में सफर कर रहे