डर क्यों आता है? – हार और असफलता की छायाहम सभी के भीतर एक अनकहा डर छुपा होता है — कुछ नया करने का, असफल होने का, लोगों की बातों का। ये डर कई बार हमारे सपनों से बड़ा बनकर खड़ा हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि यह डर आता कहां से है? और क्यों हम इसकी छाया में जीना शुरू कर देते हैं? डर – एक स्वाभाविक भावनासबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि डर कोई दुश्मन नहीं है। यह इंसानी मस्तिष्क की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हमें खतरे से बचाने के लिए