अलौकिक दीपक

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"अलौकिक दीपक" – एक आध्यात्मिक कहानी(Spiritual Story in Hindi)बहुत समय पहले की बात है। हिमालय की तराई में बसा एक छोटा सा गांव था — मुक्तेशपुर। यहां के लोग सीधे-सादे थे, परंतु जीवन की भागदौड़ में ईश्वर और आत्मा से उनका नाता लगभग टूट चुका था।गांव के एक कोने में एक बूढ़ा साधु रहता था — स्वामी परमानंद। वह न किसी से ज्यादा बोलते थे, न मांगते थे, बस अपने कुटिया के बाहर बैठकर एक पुराना दीपक जलाते रहते थे, जो कभी बुझता नहीं था।गांव के बच्चे उस दीपक को “चमत्कारी दीपक” कहते थे। कोई कहता, उसमें दिव्य शक्ति है,