तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़ - एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज - 3

"तेरा इंतकाम, मेरा इश्क़" – एक अनसुनी मोहब्बत की सीरीज 🩸 एपिसोड 3: खून की पहली बूंद, मोहब्बत की आखिरी हद भोपाल – रात 11:30 PMकाव्या की आंखों से नींद दूर थी। हाथ में मोबाइल… स्क्रीन पर वही आखिरी मैसेज: "इस बार आख़िरी है... काव्या के लिए।" आर्यन अब “शिवाय” बन चुका था। वो हर उस इंसान को खत्म कर रहा था… जिसने शायद कभी उसके साथ कुछ गलत किया था। लेकिन क्यों? क्या हुआ था उसके साथ इन चार सालों में? काव्या के पास अब सवाल ही सवाल थे… जवाब कहीं नहीं। अगली सुबह – शहर