कभी धूप कभी छांव जीवन में भी और यूनिफार्म सर्विस के दौरान भी तरह तरह के रंग मुझे देखने को मिले, विशेष रूप से जब कई तरह के विभागों में मुझे काम करने के अवसर मिलें| कोई अदृश्य शक्ति चाहे उसे कुछ नाम दो, भाग्य, नियति या पूर्व जन्म के कर्म, या संस्कार, आपकी मेहनत या बुद्धि या बड़े बूढों का, गुरु आदि का आशीर्वाद,| ये सब आपको जब चाहे जहाँ तहां धकेल देते है| ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ जो अब सपना है या अच्छी खासी कहानी| जो चाहा था वह नहीं हुआ| मैं अपना छोटा शहर कभी