दिल का वज़न

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बिसनपुर, बिहार के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा गाँव था, जहाँ अभी भी इंसान की असली पहचान उसके कर्मों से होती थी। इसी गाँव में रहता था एक युवक – अर्जुन। एकदम सीधा-सादा, पर मेहनती और ईमानदार। उसकी उम्र होगी कोई पच्चीस साल, पर ज़िम्मेदारियाँ किसी पचास साल के इंसान जैसी।पिता की असमय मृत्यु ने उसे घर का मुखिया बना दिया था। मां बीमार रहती थीं और दो छोटे भाई-बहन अभी स्कूल में पढ़ रहे थे। अर्जुन ने पढ़ाई के साथ-साथ खेतों का काम भी संभाल लिया था। गाँव के लोग उसकी ईमानदारी और मेहनत की मिसाल देते