काफला यूँ हीं चलता रहा ------- (4)बेबसी बड़ी बीमारी है, हम कितने लाचार हो जाते है, इस बेबसी मे.... कभी कभी ज़िंदा रहने मे फ़र्क़ यही होता है, कोई खुश होकर, कोई गम मे बेबसी मे ज़िंदा रखती है। बस जिंदगी यूँ हीं चली जाती है।हड़ताल पर थे सभी मजदूर.....और बसी राजा सोच मे था, कि अब होगा तो कया होगा।शर्ते थी.... 25 रुपए हो एक पेटी के।कोई मर जाये तो जिस कपनी का काम है वो हर्जाना और खर्च दें।हमारे लिए पक्के घर हो।इन शर्तो ने बसी राजा का गला घुट दिया था। वो कया कर दें कोई नहीं