( यह वृतांत मुझे अपनी एक पड़ोसिन की मां की सन 2008 की एक डायरी में लिखा मिला, जो अमृतसर शहर में पली- बढ़ीं थीं ) हर इतवार को होस्टल की लड़कियों के साथ चर्च जाना ज़रूरी रहता। चर्च हम लोग पैदल जातीं। जाते वक्त दो- दो लड़कियों की फ़ाइल के साथ कुछ टीचर्स आगे रहतीं,कुछ बीच में और वार्डन के साथ कुछ पीछे। चर्च के बाद