=================== नमस्कार स्नेहिल साथियों मान्यता को कितने दिनों से समझा रही थी कि वह एक साहसी, प्यारी, समझदार लड़की है क्यों बेकार ही किसी से पंगा लेती है। कोई भी परिस्थिति आए, हमें विवेक से काम लेना चाहिए लेकिन वह बार - बार छोटी सी बात पर उखड़ जाती। इससे और किसी का नहीं उसका ख़ुद का ही नुकसान कर बैठती। हवा का रुख चाहे जैसा भी हो, नौका को हम उसी दिशा में ले जाएंगे जिस दिशा में जाना चाहते हैं। हम परिस्थितियों को तो बदल नहीं सकते हैं, गर्मी को आने से नहीं रोक सकते, जहां, पंखा, कूलर,