यकीन मानिए,डेढ़ वर्ष से हमारे पड़ोस में रह रही अपनी पड़ोसिन का चेहरा पहली बार मैं फ़ोटो में देख रही हूं। वह भी उन की मृत्यु के उपरांत। उन की बेटी,कांति, की घनिष्ठ सहेली होने के बावजूद। जो आजकल मेरे साथ बी.ए.कर रही है। “आंटी इतनी सुंदर थीं?” प्रशंसनीय भाव से मैं कांति की ओर देखती हूं। “यह उनकी पुरानी तस्वीर है। लगभग दस वर्ष पहले की। किसी