प्रस्तावना:प्रेम को अक्सर सिर्फ एक भावना कहा जाता है, लेकिन जब देह और आत्मा दोनों एक साथ प्रेम में उतरते हैं, तब वह एक ऐसी यात्रा बन जाती है — जिसमें समर्पण भी होता है, स्पर्श भी और आह्लाद भी। यह कहानी है युवराज और चाँदनी की, जो पहले सिर्फ आकर्षण से बंधे, मगर अंततः आत्मिक प्रेम तक पहुँचे।---भाग 1: अजनबी स्पर्शमुंबई की एक बेकरी कैफ़े में शाम का वक़्त था। युवराज एक युवा आर्किटेक्ट था, जो लंबे दिन के बाद अपनी डायरी में कुछ स्केच बना रहा था। तभी सामने एक लड़की आकर बैठ गई — सफेद कुर्ता, खुले