"भैया, स्टेशन चलोगे?" रात के साढ़े दस बजे का समय था। सड़कें लगभग सूनी हो चुकी थीं। शहर की हलचल अब धीरे-धीरे नींद में जा रही थी। नीली जींस और काले टॉप में एक लड़की ऑटो के पास आकर बोली। हल्की थकावट उसके चेहरे पर थी, लेकिन आँखों में एक अजीब-सी स्थिरता थी। ऑटो वाले ने झिझकते हुए पूछा, "आप अकेली हैं मैडम?" "हाँ, डरते हो क्या?" लड़की ने मुस्कुरा कर कहा। ऑटो वाला — राजू — थोड़ी देर चुप रहा और फिर सर हिलाकर कहा, "बैठिए।" ऑटो चल पड़ा। राजू 27 साल का सीधा-सादा लड़का था, जो रात में