एक छोटे से गांव में एक आदमी रहता था जिसका नाम रामू था। रामू का कोई परिवार नहीं था, लेकिन उसका सबसे प्यारा और करीबी दोस्त एक समझदार और नटखट बंदर था, जिसका नाम चिंपू था। रामू और चिंपू एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। वे साथ में उठते, खाते, घूमते और हँसी-मज़ाक करते। गांव के लोग उन्हें देखकर अक्सर कहते, "ये तो सच में बिछड़े हुए भाई लगते हैं।" रामू सुबह खेत पर जाता तो चिंपू भी उसके कंधे पर बैठकर साथ चलता। रामू खेत में काम करता और चिंपू पेड़ों से फल तोड़कर लाता। शाम को दोनों गांव के