पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी गलती से सम्राट के स्टडी़ रूम में चली जाती है और वहाँ की दिवार पर अपनी तस्वीर देखकर शोक्ड़ हो जाती हैं।अब आगे...... सम्राट कमरे से चला जाता है पर आयांशी अभी भी वहीं एक मूर्ति की तरह खडी़ थी। तभी पीछे से उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस होता है जिससे वो थोडी़ ड़र जाती हैं। वो थोडी़ हिम्मत जुटाकर पीछे मुड़ती है तो देखती है कि वो हाथ तो प्रीत का था। ये देख उसकी साँस में साँस आती है। आयांशी- प्रीत तुम