शहर के बिलकुल बीचों-बीच चार रास्तों पर एक बड़ी बिल्डिंग थी और वह भी पूरी काँच की। “श्रीवास्तव पावर कॉम्प्लेक्स” वह बिल्डिंग का नाम अंग्रेज़ी में लिखा हुआ था। वह नाम साधारण बोर्ड पर नहीं बल्कि डिजिटल बोर्ड पर लिखा गया था, जिससे रात में भी उसका नाम दिखता रहे।जीद टैक्सी की खिड़की से रास्ते पर एक साथ चल रही कई गाड़ियों और बसों को देखकर ही चौंक गई थी। जीद को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वह लंदन आ गई हो। जीद की नजर उस बिल्डिंग पर पड़ी। बिल्डिंग को देखते ही उसकी नजर डिजिटल बोर्ड पर अटक