जिद माहिना के घर आती है। माहि का घर कोलकाता के दाजीपुर में है। माही ने दरवाज़ा खटखटाया। “हाँ आ रही हूँ मैं।” हिंदी और गुजराती का मिश्रण करती माही की मम्मी ने दरवाज़ा खोला। “ओहो, बहुत जल्दी आ गए बेटा।” माही की मम्मी ने प्यार भरे शब्दों से दोनों का स्वागत किया। जिद, माही की मम्मी और पापा से मिलती है। उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेती है। सब लोग पुरानी और नई बातें करते हैं और इस तरह वह शाम जिद के लिए खुशियों में बदल जाती है। रात को खाना खाकर जिद अपनी मम्मी को माही के घर के टेलीफोन से फोन