तारा की उड़ान: एक माँ की जुबानी सफलता का सफर

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तारा की उड़ान: एक माँ की जुबानी सफलता का सफर(एक शाम, नेहा अपनी पुरानी दोस्त रीना के साथ कॉफी पी रही थी। रीना ने तारा की हालिया आर्ट एग्जिबिशन के बारे में पूछा।)"अरे रीना, तूने तारा की एग्जिबिशन देखी? कमाल था ना! कौन सोच सकता था कि मेरी ये छोटी-सी, कभी इतनी उलझी हुई बच्ची आज इतनी बड़ी कलाकार बनेगी?" नेहा की आँखों में गर्व था और चेहरे पर एक अजीब-सी चमक। उसने अपनी कॉफी का कप मेज पर रखा और एक लंबी साँस ली। "चल, आज तुझे शुरू से बताती हूँ, वो पूरा किस्सा... वो दिन, जब मुझे लगा